Get to know about the भारतीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद संगठन
यह अधिकार व्यक्ति की स्वायत्तता को प्रभावित करने वाले कार्यों के संबंध में सरकार की शक्ति को सीमित करता है। यह लोगों को सरकार की भागीदारी और कनूनों के निर्धारण में योगदान करने का मौका देता है। सामाजिक अधिकार ये अधिकार सरकार को एक सकारात्मक और हस्तक्षेपवादी तरीके से कार्य करने के लिए निर्देश देते है ताकि मानव जीवन और विकास के लिए आवश्यक जरूरतें पूरी हो सकें । प्रत्येक देश की सरकार अपने सभी नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने की उम्मीद करती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को समाजिक सुरक्षा का अधिकार हैं । मनवाधिकार निर्विवाद अधिकार है क्योंकि पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति इंसान होने के नाते इसका हकदार है। ये अधिकार प्रत्येक इंसान को अपने लिंग, संस्कृति, धर्म, राष्ट्र, स्थान, जाति, पंथ या आर्थिक स्थिति के बंधनों से अजाद हैं । मानवाधिकारों का विचार मानव इतिहास से ही हो रहा है हालांकि इस अवधारणा में पहले के समय में काफी भिन्नता थी । भारतीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद में इस अवधारणा पर एक विस्तृत नजर डाली गई है। नागरिक और राजनीतिक अधिकार यह अधिकार व्यक्ति की स्वायत्तता को प्रभावित करने वाले कार्यों के संबंध में सरकार की शक्ति को सीमित करता है। यह लोगों को सरकार की भागीदारी और कनूनों के निर्धारण में योगदान करने का मौका देता है।
भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक स्वायत्त विधिक संस्था है। इसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को हुई थी। इसकी स्थापना मानवाधिकार सरक्षण अधिनियमए 1993 के अन्तर्गत की गयी। यह आयोग देश में मानवाधिकारों का प्रहरी है। यह सविंधान द्वारा अभिनिश्चित तथा अन्तरराष्ट्रीय सन्धियों में निर्मित व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षक है।